अब बांग्लादेश में अंतरिम सरकार को देश की कमान सौंपी गई है . बांग्लादेश के लोग भुखमरी से परेशान हो रहे है और पुरे देश में खाने के लाले पड़ गए है . इसी को देखते हुए बांग्लादेश भारत के सामने अपने हाथ फैलाता दिए है और 50,000 टन के बासमती चावल की मांग की है
हाल ही में बांग्लादेश की बेदहाली देखने को मिल रही है और वहां लोगों के बीच खान के लाल पड़ गए है . बांग्लादेश दुनियाभर से मदद की गुहार लगा रहा है . जिससे वो अपने लोगों की भुखमरी मिटा सके . बता दें यूनुस सरकार ने म्यांमार से लेकर भारत तक खान पीन की मदद की मांग की है
भारत और बांग्लादेश के बीच काफी वक्त से रिश्ते एक सामान्य दिखाई नहीं दे रहे है , लेकिन मजबूरी की वजह से बांग्लादेश को भारत के सामने झुकना ही पड़ा गाया है . बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसी) ने भारत की नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) से 130,000 मीट्रिक टन डीजल आयात करने का फैसला किया है.बांग्लादेश ने भारत के ऊपर कई गंभीर आरोप भी लगाए है जिससे वो एक बार को मना भी कर सकता है लेकिन भारत के खून में धोखाधड़ी नहीं लिखी है
भारत बांग्लादेश का तनाव
5 अगस्त 2024 का वक्त कोई भूल नहीं सकता है . इसी दिन कैसे अपने ही देश से मजबूरी में आकर शेख हसीना को जाना पड़ा था और भारत में आकर शरण लेनी पड़ी थी . इतना ही नहीं बांग्लादेश के तख्तापलट के बाद कैसे हिंदुओं पर अत्याचार किए जा रहे थे ये कोई भी भूल नहीं पाया है . यूनुस सरकार भारत के ऊपर तरह – तरह से आरोपों की बौछार करते हुए नजर आ रही ह
भारत पीछे नहीं हटा मदद करने
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत से 50,000 टन गैर-बासमती चावल आयात करने का फैसला किया था. बांग्लादेश के तमाम आरोपों को नजरअंदाज करते हुए भारत मदद करने से बिल्कुल भी पीछे नहीं हटा है आपको बता दें इससे पहले बांग्लादेश ने बीपीसी ईंधन तेल की भी मांग की थी जो 7.4 मिलियन थी . इसके आलाव डीजल जिसे 80 % सप्लाई किया गया था.