खामखां तुम हमें परेशान करते हो याद कर हिचकियों की बौछार करते हो लौट आया हूं मैं उस फलसफा से बेमतलब तुम मेरा इंतज़ार करते हो वो इश्क़ , वो ख्याल , वो सुकून अब नहीं है खाली हो गया हूं मैं तुम अब भी वही आस रखते हो बीज बोने पड़ेंगे इश्क़ के दिल में फिर से जो तुम ये ख्याल बुनते ह…
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