कोशिश हमेशा की मैने,
उम्मीद से भरा हर लम्हा,हर इक पल रहा,
हमेशा सबसे और सबके बाद आया,
मैं कहाँ कभी कहीं अवल रहा,
ये ज़माना पूछता है ऊँचे कद को बस,
जिसमे,मैं एक इंसान बना जो बस असल रहा,
एक दिन सब कुछ कमा लूंगा इस आस में हूँ ज़िंदा,
अपनी कोशिशों के सहारे हूँ मै चल रहा,
खैर कुछ नहीं आया हिस्से अब तक,
तो पन्ना पलटकर मैने लिखा,
असफल था,असफल हूँ और बस असफल रहा,
असफल था,असफल हूँ और बस असफल रहा
- प्रतीत