विश्व पर्यावरण दिवस से जन-आंदोलन तक
#5जून को पूरी दुनिया विश्व पर्यावरण दिवस मनाती है।पर क्या यह दिन केवल एक औपचारिकता बनकर रह गया है ?क्या सिर्फ एक पौधा लगाना ही हमारे कर्तव्यों की इतिश्री है ?
शायद नहीं। अब समय आ गया है कि हम पर्यावरण के प्रति अपनी सोच, समझ और संघर्ष—तीनों को फिर से परिभाषित करें।
एक सच्चाई जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
आज की सबसे गंभीर और चुपचाप बढ़ती हुई पर्यावरणीय त्रासदी है: #माइक्रोप्लास्टिक संकट। ये सूक्ष्म प्लास्टिक कण अब हमारी मिट्टी, जल स्रोतों, यहाँ तक कि हमारे शरीर में भी घुलमिल चुके हैं। शोध बताते हैं कि ये माइक्रोप्लास्टिक स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध तक में पाए जा रहे हैं। यह किसी आपातकाल से कम नहीं!
केवल प्रदूषण नहीं, यह है अस्तित्व का संकट
• वायु प्रदूषण से हर साल लाखों मौतें हो रही हैं।
• जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों की फसलें तबाह हो रही हैं।
• ग्लेशियर पिघल रहे हैं, समुद्र स्तर बढ़ रहा है।
• वन्यजीवों का घर छिन रहा है, जैव विविधता घट रही है।
पर्यावरण बचेगा तभी तो पीने का पानी मिलेगा — जल है तो कल है l
ये मुद्दे केवल पर्यावरण के नहीं, हमारे जीवन, अर्थव्यवस्था और भविष्य के हैं।
पर्यावरण बचाओ: अब केवल शब्द नहीं, आंदोलन बनाना होगा
इस #विश्वपर्यावरणदिवस, युवाओं को चाहिए कि वे सिर्फ नारे नहीं, नए नैरेटिव गढ़ें:
• Say NO to Plastic: रोज़मर्रा की ज़िंदगी से प्लास्टिक को हटाएं। पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण को अपनाएं।
• Plant More Than Trees: सोचें, बोलें, और अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाएं। पौधा लगाना एक शुरुआत है, जीवनशैली बदलना क्रांति है।
• Policy में भागीदारी: पर्यावरणीय कानूनों को मजबूती देने के लिए स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका निभाएं।
• शिक्षा और संवाद: स्कूलों, कॉलेजों, पंचायतों और डिजिटल प्लेटफार्मों पर पर्यावरण संवाद चलाएं।
एक वैकल्पिक भविष्य की ओर
कल्पना कीजिए एक ऐसे भारत की, जहाँ नदियाँ निर्मल हों, वनों की हरियाली सघन हो, और बच्चों को सांस लेने के लिए शुद्ध हवा मिले। यह कोई सपना नहीं, सामूहिक चेतना और नीतिगत प्रतिबद्धता से साकार हो सकता है।
अंतिम संदेश: अब नहीं तो कब :
यह समय सिर्फ चिंता करने का नहीं, चिंतन, मंथन, शोध,विश्लेषण,जन चेतना जगाने, जिम्मेदारी उठाने, और एकजुट होकर लड़ने का है। हर युवा, हर छात्र, हर नागरिक अगर आज #पर्यावरणकीरक्षा का संकल्प ले, तो हम अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए सपने को साकार करके एक बेहतर धरती छोड़ सकते हैं।
इस बार सिर्फ #WorldEnvironmentDay न मनाएं, बल्कि इसे #WorldEnvironmentalActionDay बनाएं।
प्लास्टिक को ना कहें, जीवन को हां कहें।
अपने पर्यावरण को बचाएं — यही हमारा मिशन होना चाहिए !
#PeopleAndPlanet
जय हिन्द !