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Channel: Youth Ki Awaaz
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लड़कियों के लिए भी है खेल जरूरी (कविता)

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लड़कियों के लिए भी है खेल जरूरी,

उन्हें भी करो अब तुम स्पोर्ट,

मत करो खेलों में भेदभाव,

दोनों का है यह अधिकार,

लड़कियों को घर के काम,

लड़कों को बाहर के काम,

लड़की की इच्छाओं को नहीं देखते हो,

उन पर हमेशा क्यों रोक लगाते हो?

लड़कों को प्रोत्साहित करते हो,

लड़कियों को हतोत्साहित करते हो,

लड़कियों के लिए भी खेल है जरूरी,

जिसमें वे भी अब अपना भविष्य बनाएंगी,

मैदान में भी अपना हुनर दिखाएंगी,

उनके लिए भी आगे बढ़ना है जरूरी,

लड़कियों के लिए भी है खेल जरूरी।।

यह कविता उत्तराखंड के गनीगांव से दिशा सखी दीपा लिंगड़िया ने चरखा फीचर के लिए लिखा है


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